'ना आना इस देश मेरी लाडो ....'
(यकीन मानो इस चेतावनी की इस देश में कोई जरुरत नहीं है । )
लाडो तुम्हें इस देश में आने ही कौन देगा ?
आधुनिक यंत्रों से लेस मनुष्य (राक्षस) तुम्हे गर्भ में ही रोक देगा,
जन्म ले भी लिया तो किसी ऊँची ईमारत से निचे फेंक देगा ।
लाडो जरा संभल कर ,
ना जाने कौन भेड़िया तुम्हे लूट सड़क के किनारे पटक देगा।
लाडो मान लो मेरी बात ,
आज जो पुरुष तुम्हे आन्दोलन करते नज़र आ रहे हैं,
कालांतर में तुझ लूटी -पिटी को अपनाने एक नहीं आएगा।
ना आना इस देश मेरी लाडो,
तेरे आने पर तो तेरा जनक भी पछताएगा ,
इस कलयुग में जब पिता- भाई तक आबरु छीनने में लगे हैं ,
कौन यहाँ तेरा संरक्षक बन पाएगा ।
ना आना इस देश मेरी लाडो,
तेरा यह हाल इस भावुक हिमानी से और ना देखा जायेगा ।
- हिमानी वशिष्ठ
एक अंग्रेजी की लेखिका हिंदी में इतनी अच्छी कविता भी लिख सकती है?
ReplyDeleteबधाई ।
Really Great Job and nice say.
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